अमेरिकी कंपनी Apple को वैसे तो यूज़र्स के हितों की सुरक्षा करने के लिए जाना जाता है. लेकिन कई बार कंपनी ने ऐसा साबित किया है कि कंपनी सिर्फ़ अपने मुनाफ़े के लिए काम करती है. Batterygate इनमें से ही एक मामला है.
Apple ने ऐलान किया है कि #batterygate मामले के सेटलमेंट के लिए 113 मिलिय डॉलर (लगभग 8.3 अरब रुपये) का जुर्माना देगी. अमेरिका के लगभग 34 राज्य मिल कर ऐपल की जांच कर रहे थे. इससे पहले भी कंपनी इसे मामले में 500 मिलियन डॉलर की पेनाल्टी दे चुकी है.
यानी ऐपल को अपने यूज़र्स के पुराने आईफ़ोन को स्लो करने का ख़ामियाज़ा टोटल 613 (500+113) मिलियन डॉलर अदा करके चुकाना पड़ रहा है. इन्हें रुपये में तब्दील करें तो ये लगभग 45.54 अरब रुपये होते हैं.
Apple कंपनी पर आरोप है की वो नए Iphone के launch होने पर, Update दे कर यूज़र्स का पुराना आईफ़ोन स्लो कर देती है. बाद में जब इस बात के बारे में लोगों को पता चला तो ऐपल ने एक दलील दी. कंपनी दलील ये थी पुराने फ़ोन को इसलिए स्लो किया जा रहा है पुरानी बैटरी की वजह से फ़ोन ख़ुद से शटडाउन न हों या फ़ोन में दूसरी समस्याएँ न आएँ.
500 मिलियन डॉलर ( लगभग 37.13 अरब रुपये) पहले भी दे चुकी है कंपनी..
पुराने आईफ़ोन अपडेट के ज़रिए स्लो करने के बाद ऐपल पर अमेरिका में क्लास ऐक्शन लॉसूट फाइल किया गया. इसमें ऐपल पर आरोप था कि कंपनी नए आईफ़ोन ख़रीदने पर मजबूर करने के लिए पुराने फ़ोन को अपडेट के ज़रिए स्लो कर रही है.
अमेरिकी कोर्ट ने ऐपल से सभी उन अमेरिकी कस्टमर्स को 25 डॉलर देने को कहा जो इस अपडेट से प्रभावित हुए हैं. इस अपडेट से iPhone 6, iPhone 6s, iPhone 6s Plus, iPhone 7, iPhone 7 Plus और iPhone SE प्रभावित हुए थे.
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